अनशनकारी दोनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हालत बिगड़ी, दो और कार्यकर्ता धरने पर बैठीं
मानदेय बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों के लिए देहरादून में आमरण अनशन पर बैठी दोनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का स्वास्थ्य शुक्रवार को बिगड़ गया है। पुलिस प्रशासन ने दोनों अनशनकारियों को कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बाद दो अन्य कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठीं।
 

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, सेविका, मिनी कर्मचारी संगठन के बैनर तले विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 49 दिन से हिंदी भवन के सामने धरने पर बैठी हैं। 10 जनवरी से दो कार्यकर्ताओं ने आमरण अनशन शुरू किया था।

तब से शुक्रवार तक पुलिस 12 कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती करा चुका है। बृहस्पतिवार को राजबाला और ज्योति रावत के अनशन का क्रमश: चौथा व तीसरा तीन दिन था। शुक्रवार दोपहर डॉक्टरों की टीम पहुंची और दोनों की हालत चिंताजनक बताई।


राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल



इस पर शाम को सिटी मजिस्ट्रेट अनुराधा पाल की मौजूदगी में पुलिस प्रशासन की टीम ने दोनों को कोरोनेशन जिला अस्पताल पहुंचाया। उसके बाद थत्यूड़ (टिहरी गढ़वाल) निवासी सावित्री और चंपावत निवासी पुष्पा अधिकारी ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। 

शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिला। राज्यपाल के समक्ष अपनी मांगों को रखते हुए इस मामले में हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को निर्देशित करने का अनुरोध किया। प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक, राज्यपाल ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में रेखा नेगी, मीनाक्षी रावत, सुमति व सोनी आदि शामिल थीं।

मंत्री के बयान की निंदा की
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बर्खास्त करने की चेतावनी वाले बयान की निंदा की है। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी और प्रांतीय संगठन मंत्री मीनाक्षी ने बताया कि एक महिला होने के बावजूद मंत्री उनकी मजबूरी नहीं समझ रही है। अगर सरकार ने ऐसा कोई कदम उठाया तो कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन चलाएंगी।